बस क्षेत्र: धीमी कमर्शियल वाहन बाजार के बीच तेजी की ओर अग्रसर

Update On: Thu Feb 27 2025 by Tanya Athany
बस क्षेत्र: धीमी कमर्शियल वाहन बाजार के बीच तेजी की ओर अग्रसर

आर्थिक मंदी, बदलती ईंधन की कीमतें और सख्त सरकारी नियमों के बीच भारतीय कमर्शियल वाहन बाजार कठिन दौर से गुजर रहा है। हालांकि, इस चुनौतीपूर्ण समय में भी कमर्शियल बस सेक्टर मजबूती से आगे बढ़ रहा है। बढ़ती मोबिलिटी जरूरतों, सरकारी नीतियों और टिकाऊ परिवहन समाधानों की ओर बढ़ते रुझान ने बस उद्योग को अन्य कमर्शियल वाहनों की तुलना में अधिक स्थिर बना दिया है।

कमर्शियल बस सेगमेंट क्यों फल-फूल रहा है?

जहां अन्य कमर्शियल वाहन चुनौतियों से जूझ रहे हैं, वहीं बसों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

1. सार्वजनिक परिवहन का विस्तार और शहरीकरण

भारत में तेजी से बढ़ते शहरीकरण ने शहरों में भरोसेमंद पब्लिक ट्रांसपोर्ट की आवश्यकता बढ़ा दी है। शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सरकार और निजी ऑपरेटर लगातार बस नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।

2. सरकारी योजनाएं और फ्लीट विस्तार

सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को बढ़ावा देने वाली योजनाएं कमर्शियल बस बिक्री को मजबूत कर रही हैं। राज्य परिवहन निगम और निजी कंपनियां दोनों ही अपने बेड़े का विस्तार कर रही हैं ताकि सार्वजनिक परिवहन सुलभ और किफायती बना रहे।

3. पर्यटन और इंटरसिटी यात्रा में उछाल

महामारी के बाद घरेलू यात्रा में उछाल के कारण इंटरसिटी बसों की मांग तेजी से बढ़ी है। खासकर लग्जरी और स्लीपर कोच बसों की लोकप्रियता बढ़ी है, जिससे फ्लीट ऑपरेटर्स आधुनिक और आरामदायक बसों में भारी निवेश कर रहे हैं।

4. ऑफिस और स्कूल बस सेवाओं में वृद्धि

कारोबार, स्कूल और कॉलेज पूरी क्षमता से दोबारा शुरू हो चुके हैं, जिससे कर्मचारियों और छात्रों के लिए बस सेवाओं की मांग में इज़ाफा हुआ है। कंपनियां और शिक्षण संस्थान कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के लिए विशेष बस सेवाओं की संख्या बढ़ा रहे हैं।


कमर्शियल वाहन बाजार की स्थिति

बस उद्योग में आई यह तेजी ट्रक बिक्री में आई मंदी के बीच वाहन निर्माताओं के लिए राहत लेकर आई है। साथ ही, भारत के हरित परिवहन लक्ष्यों के अनुरूप, यह बदलाव नए, ईंधन-कुशल और इलेक्ट्रिक बस मॉडल के विकास में निवेश को भी बढ़ावा दे रहा है।

कमर्शियल बस की कीमतों का रुझान

बस उद्योग में कीमतें एक महत्वपूर्ण कारक बनी हुई हैं। बढ़ती इनपुट लागतों के बावजूद, सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों पर दी जाने वाली सब्सिडी से किफायती विकल्प उपलब्ध हो रहे हैं।

वर्तमान बस मूल्य रुझान:

  • डीजल बसें: ₹25 लाख – ₹50 लाख (ब्रांड और आकार के अनुसार)
  • इलेक्ट्रिक बसें: उच्च प्रारंभिक लागत, लेकिन सब्सिडी के कारण स्वामित्व लागत काफी कम
  • लग्जरी और स्लीपर बसें: ₹75 लाख से अधिक, लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिज़ाइन की गई

आगे क्या?

भारत में सार्वजनिक परिवहन, टिकाऊ मोबिलिटी और शहरों में बस सेवाओं को बेहतर बनाने पर लगातार जोर दिया जा रहा है। इससे आने वाले वर्षों में बस बिक्री में और तेजी देखने को मिल सकती है।
यदि आप कमर्शियल वाहन बाजार में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो कीमतों में बदलाव, सरकारी नीतियों और बाजार के रुझानों पर लगातार नज़र रखना ज़रूरी होगा।

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