सर्दियों में अपने ट्रक के लिए अपनाएं ये लुब्रिकेशन टिप्स

Update On: Wed Nov 27 2024 by Pawan Sai
सर्दियों में अपने ट्रक के लिए अपनाएं ये लुब्रिकेशन टिप्स

एसी चलना बंद हो जाए, गर्म मूंगफली बेचते कोई दिखने लगे और धूप जब प्यारी लगने लग जाए, तो समझ जाइए सर्दी आ गई है। इंसानों के साथ-साथ वाहनों के लिए भी ये मौसम चुनौतीपूर्ण होता है। बदलते मौसम के साथ इंसानों में नज़ला-ज़ुखाम होता है तो वहीं वाहनों में भी कुछ समस्याएं आने लगती हैं। गाड़ी मेंटेन करने के लिए आपको कई लेख मिल जाएंगे लेकिन ट्रक के लिए यही चीज़ कम ही देखने को मिलेगी। लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट, व्यवसायों के सामने एक बड़ी चुनौती है। ट्रक के डाउन टाइम को कम करना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में ज़रूरी हो जाता है कि ट्रक का सर्दियों में विशेष ध्यान रखें। इसकी शुरुआत होती है- बेहतर लुब्रिकेशन से। आइए जानते हैं कि जब तापमान गिरने लगता है तो सही लुब्रिकेंट क्यों ज़रूरी है?

सर्दियों में कई तरह की चीज़ों का सामना करना पड़ता है। सही इंजन ऑयल का चुनाव बहुत ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है। अगर इंजन ऑयल को समय-समय पर न बदला जाए, तो इंजन के हिस्सों में ज़्यादा घर्षण होगा। सर्दी में हवा में नमी और नमक की मात्रा इंजन के महत्वपूर्ण हिस्सों में ज़ंग लगा सकती है, जिससे इंजन की कार्यक्षमता कम हो सकती है और लंबे समय में वो खराब भी हो सकता है। इंजन ऑयल ये सुनिश्चित करता है कि पावरट्रेन के पार्ट्स ठीक से काम करें। इससे होगा ये कि आपके इंजन की लाइफ़ बढ़ेगी।

विस्कोसिटी का रखें ख़्याल- सही विस्कोसिटी वाला इंजन ऑयल ही लें। जैसे-जैसे तापमान गिरता है, वैसे-वैसे इंजन ऑयल भी गाढ़ा होना शुरू हो जाता है। इससे उसका बहाव प्रभावित होता है। एक बारी आपके पार्ट्स ड्राई होने शुरू हो गए, तो समझ लीजिए आपके इंजन को मरम्मत की ज़रूरत पड़ सकती है।

भारत में ट्रकों के लिए आदर्श रूप से 15W-40 इंजन ऑयल इस्तेमाल करना चाहिए। यह मल्टी-ग्रेड इंजन ऑयल है, जो विभिन्न तापमान में काम कर सकता है। 15 W का मतलब है कि यह सर्दी में सही से काम करेगा जबकि 40 का मतलब है कि यह गर्मी में भी अपनी कार्यक्षमता बनाए रखेगा।

15W-40 इंजन ऑयल के फायदे

कोल्ड स्टार्ट से बचाता है- इससे इंजन की कार्यक्षमता और लाइफ़ बढ़ती है।

स्टेबिलिटी- 15W-40 इंजन ऑयल के इस्तेमाल से थर्मल स्टेबिलिटी बनी रहती है जिससे चाहे कोई भी मौसम हो, इंजन अच्छा परफॉर्म करता है।

सिंथेटिक ऑयल के फायदे

थर्मल स्टेबिलिटी सुधारता है: हालांकि ये आम लुब्रिकेंट की तुलना में महंगा होता है लेकिन ये बेहतर थर्मल स्टेबिलिटी प्रदान करता है।

चले लंबा: सिंथेटिक इंजन ऑयल और ग्रीसिंग लुब्रिकेंट ज़्यादा दिनों तक चलते हैं जिससे बार-बार इंजन ऑयल बदलने का झंझट खत्म हो जाता है।

ऑक्सीकरण प्रतिरोध क्षमता: सिंथेटिक ऑयल में ऑक्सीकरण प्रतिरोध क्षमता होती है जिससे वो लंबे समय तक चलता है।

बेहतर माइलेज: इस इंजन ऑयल के इस्तेमाल से इंजन के अंदरूनी पार्ट्स में कम घर्षण होता है जिससे बेहतर माइलेज देखने को मिलती है।

सर्दियों में बेहतर लुब्रिकेशन के लिए अपनाएं ये कदम

कंपनी द्वारा बताया गया इंजन ऑयल ही डालें:  हर कंपनी मैनुअल देती है कि कौन सा इंजन ऑयल डालना चाहिए। अपनी तरफ़ से सस्ता इंजन ऑयल डालने से बचें। भारतीय घरों में चलने वाले मुहावरे को हमेशा याद रखें- महंगा रोए एक बार, सस्ता रोए बार बार।

मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान दें: इंजन ऑयल के लेवल पर हमेशा नज़र रखें। समय-समय पर ये चेक करते रहें कि इंजन को ग्रीसिंग की ज़रूरत है या नहीं।

विशेषज्ञों की सलाह ज़रूर लें: इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से सलाह हमेशा लें।

लुब्रिकेंट का एक सेट हमेशा रखें: सर्दी का मौसम अनिश्चितताओं से भरा होता है। कभी आपका इंजन खराब हो सकता है, इसी बाबत हमेशा अपने पास एक्स्ट्रा सेट रखें।

आशा करते हैं कि आप अब ये जान गए होंगे कि सिर्फ टायर और बैटरी चेक करना काफ़ी नहीं है। इंजन ऑयल और लुब्रिकेंट के लेवल पर भी ध्यान देना उतना ही ज़रूरी है। बहुत से लोग पूछते हैं कि टोटल कॉस्ट ऑफ़ ओनरशिप कैसे कम करें? जवाब आपके सामने ही है। कोई फैंसी चीज़ करने से आपको कोई लाभ नहीं होने वाला। बस बुनियादी बातों को ध्यान में रखें और ऊपर बताई गई चीज़ों का ध्यान रखें।

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