पूनावाला फिनकॉर्प लिमिटेड (PFL), भारत के गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी, अब वाणिज्यिक वाहन (CV) ऋण बाजार में मजबूत कदम रख रहा है। इस रणनीतिक विस्तार का उद्देश्य परिवहनकर्ताओं और फ्लीट ऑपरेटरों को सुलभ वित्तीय समाधान प्रदान करना है, जिससे देश के लगातार विकसित हो रहे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
छोटे वाणिज्यिक वाहनों (SCVs) से लेकर भारत के राजमार्गों पर दौड़ने वाले भारी-भरकम ट्रकों तक, PFL का ऋण पोर्टफोलियो सभी के लिए उपयुक्त है। चाहे ग्राहक एक नया वाहन खरीदना चाहें या एक अच्छी स्थिति में मौजूद पुराने वाहन के लिए वित्त पोषण की तलाश कर रहे हों, कंपनी उनके व्यापारिक जरूरतों के अनुसार अनुकूलित समाधान प्रदान करती है। प्रतिस्पर्धी ब्याज दरें, लचीली पुनर्भुगतान संरचना और न्यूनतम दस्तावेज़ीकरण इस प्रस्ताव को और भी आकर्षक बनाते हैं।
आज के दौर में, जब समय ही धन है, PFL नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर ऋण प्रक्रिया को सरल बना रहा है। कंपनी ने एक AI-संचालित मूल्यांकन प्रणाली को एकीकृत किया है, जो सत्यापित डेटा स्रोतों से जानकारी प्राप्त करती है। इससे ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है और ग्राहक को बिना किसी परेशानी के ऋण मिल जाता है। यह तकनीकी दृष्टिकोण मैन्युअल हस्तक्षेप को कम करता है, जिससे वित्त पोषण अधिक सुगम, तेज़ और पारदर्शी बनता है।
PFL अपने वाणिज्यिक वाहन ऋण सेवाओं को 12 राज्यों के 68 स्थानों से शुरू कर रहा है, खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में, जो वाणिज्यिक परिवहन गतिविधियों के प्रमुख केंद्र हैं। लेकिन यह केवल शुरुआत है। भविष्य में, कंपनी अपनी सेवाओं को 20 राज्यों के 400 स्थानों तक विस्तारित करने की योजना बना रही है। यह हब-एंड-स्पोक मॉडल अपनाकर अपनी पहुँच और सेवा वितरण को बेहतर बनाएगा। ग्राहक सीधे कंपनी से या फिर डीलरों और अन्य चैनल नेटवर्क के माध्यम से ऋण प्राप्त कर सकेंगे।
पूनावाला फिनकॉर्प के प्रबंध निदेशक और सीईओ अरविंद कपिल ने इस नए उद्यम के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक वाहन भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो पूरे देश में व्यापार और वाणिज्य को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करते हैं। पूनावाला फिनकॉर्प का लक्ष्य सरल और सुविधाजनक वित्तीय समाधानों के माध्यम से परिवहन उद्योग को और अधिक सक्षम बनाना है।
भारत का वाहन वित्तपोषण बाजार तेज़ी से बढ़ रहा है। CRISIL रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के वाहन ऋण प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियाँ (AUM) FY 2024-25 तक ₹8 ट्रिलियन से अधिक हो जाएंगी, जो 2022-23 में ₹5.9 ट्रिलियन थी। वाणिज्यिक वाहनों की बढ़ती माँग और सरकार के बुनियादी ढाँचे पर बढ़ते खर्च से यह वृद्धि हो रही है।
इस विस्तार के साथ, पूनावाला फिनकॉर्प इस वित्तीय क्रांति में अग्रणी बनने की दिशा में है, जो भारत के महत्वाकांक्षी परिवहन और बुनियादी ढाँचे के विकास लक्ष्यों के अनुरूप मजबूत और ग्राहक-केंद्रित समाधान प्रदान करता है।नई लॉन्च, कमर्शियल वाहनों और इंडस्ट्री से जुड़ी ताजा खबरों और अपडेट्स के लिए 91trucks के साथ जुड़े रहें। 91trucks कमर्शियल वाहन इंडस्ट्री से जुड़ी नवीनतम जानकारी और अपडेट प्रदान करने वाला सबसे तेजी से बढ़ता डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
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