यूनियन कैबिनेट ने किसानों को बड़ी सौगात देते हुए 14 खरीफ फसलों की मिनिमम सपोर्ट मूल्यों (MSP) में बढ़ोत्तरी को मंजूरी दी है। केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैश्नव ने बताया कि कैबिनेट ने कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी को मंजूरी दे दी है।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए सभी आवश्यक खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि को स्वीकृति दी है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की नई MSP 2,300 रुपए तय की गई है, जो पिछली MSP से 117 रुपए ज्यादा है।
कपास की नई MSP 7,121 रुपए तय की गई है। इसकी एक दूसरी किस्म की नई MSP 7,521 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 501 रुपए ज्यादा है। वैष्णव ने बताया ने कि देश में 2 लाख नए गोदाम भी बनाए जाएंगे।
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नई MSP से सरकार पर 2 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 35 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि MSP फसल की लागत का कम से कम 1.5 गुना होनी चाहिए।
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी सरकार की ओर से निर्धारित एक गारंटेड मूल्य है जिसका मकसद किसान को उसकी फसल का उचित भाव दिलाना है। एमएसपी रेट इसलिए बनाया जाता है यदि बाजार में फसल का भाव गिर जाए तो किसान को इसका नुकसान नहीं उठाना पड़े। ऐसे में किसान एमएसपी पर अपनी फसल बेचकर नुकसान से बच सकते हैं। कहने का मतलब यह है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने से बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव का किसान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उसे अपनी फसल की न्यूनतम कीमत हर हालत में मिलती रहती है। सरकार की ओर से साल में दो बार हर रबी व खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई से पहले उन फसलों का एमएसपी घोषित किया जाता है। यह एमएसपी सीएसीपी यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज की सिफारिश पर तय किया जाता है।
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