किसानो की जरूरतों को समझते हुए सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई राज्य की सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है। इसी मुहीम को आगे बढ़ाते हुए बिहार सरकार राज्य में फसलों की सिंचाई में किसानों को सुविधा देने के लिए प्रधान मंत्री कृषि सिचाई योजना के तहत ड्रिप या मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने वाले किसानों को सब्सिडी दे रही है। इस सब्सिडी के साथ सरकार ने किसानों के खेतों में मिनी नलकूप और बोरिंग कराने के लिए 50 फीसदी अनुदान देने का प्रावधान किया गया। किसान इस नयी तकनीक का इस्तेमाल करके कम पानी में अच्छी फसल उपज प्राप्त कर सकते हैं।
बिहार में किसानों को अपनी जमीन पर मिनी नलकूप या बोरिंग लगाने पर प्रति मीटर 50 प्रतिशत अनुदान लाभ दिया जा रहा है। बोरिंग में मोटर लगाने पर भी 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया है। योजना के अंतर्गत 2 अश्वशक्ति (HP) से लेकर 5 अश्वशक्ति (HP) तक सेंट्रीफ्यूगल मोटर पंप सेट/ सबमर्सिबल पंप सेट पर सरकार की तरफ से अनुदान दिया जा रहा है। विभाग ने बोरिंग और मोटर पंप सेट की लागत 80 हजार रुपएतय की है, जिस पर किसानों को 40 हजार रुपएतक की सब्सिडी मिलती है। इस योजना का लाभ उन ही किसानो को दिया जायेगा जो सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप या मिनी स्प्रिंकलर) पद्धति को अपनायेगे।
सूक्ष्म (टपक, स्प्रिंकलर) सिंचाई एक उन्नत सिंचाई प्रणाली है, जिसके द्वारा पौधे के जड़ क्षेत्र में विशेष रूप से निर्मित प्लास्टिक पाईपों की मदद से कम समय अंतराल पर पानी दिया जाता है। इससे पारंपरिक सिंचाई पद्धति की तुलना में 60-75 प्रतिशत कम पानी की खपत होती है। इस सिंचाई प्रणाली में ड्रिप सिंचाई पद्दति, स्प्रिंकलर सिंचाई पद्दति एवं रेनगन सिंचाई यंत्रों का उपयोग किया जाता है, जिससे पानी की हर एक बूंद का इस्तेमाल सिंचाई के लिए होता है।
सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. 'पहले आओ पहले पाओ' की तर्ज पर ही किसानों को योजना का लाभ मिलता है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहते ड्रिप लगाने के किसानों को प्रति एकड़ लगभग 16 हजार रुपये देना पड़ता है और स्प्रिंकलर लगाने के लिए 12500 रुपये देना पड़ता है। बाकी की राशि सरकार के द्वारा दी जाती है. इस योजना में किसान उस एजेंसी का चयन खुद कर सकते हैं, जो एजेंसी उनके खेत में ड्रिप या स्प्रिंकलर लगाएगी। इसका फायदा यह होता है कि किसानों को अपनी पसंद से कंपनी चुनने का मौका मिलता है। योजना का लाभ लेने के लिए बिहार के किसान horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
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