ट्रैक्टर खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

Update On: Thu Jul 04 2024 by Faiz Miraj
ट्रैक्टर खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

ट्रैक्टर खरीदना एक जटिल प्रक्रिया है। इतनी सारी कंपनियों के इतने सारे मॉडल और उसमें से कोई एक ट्रैक्टर चुनना चुनौती भरा और मुश्किल काम है। ट्रैक्टर खरीदते समय बस कुछ बातों का ही ध्यान रखना है। याद रखिए आपकी कुछ घंटों की रिसर्च आपका आने वाला भविष्य सुधार सकती है। आइए जानते हैं कि ट्रैक्टर खरीदते समय किन चीज़ों के बारे में पता होना ज़रूरी है।

. अपनी जरूरत को पहचाने- अपने बारे में सबसे अच्छा आप ही जानते हैं। जिस जगह आपको खेती करनी है, वहां कौन सा ट्रैक्टर सबसे बढ़िया रहेगा। उदाहरण के तौर पर एक छोटी जगह के लिए बड़ा ट्रैक्टर लेने का कोई मतलब नहीं है। साथ ही आपको किस तरह की फसल उगानी है। इन सब चीज़ों का ख़्याल आपको रखना है। छोटे किसानों के लिए 20 से 30 हॉर्सपावर (ट्रैक्टर की शक्ति आमतौर पर एचपी शब्द से निर्धारित होती है) वाला ट्रैक्टर ठीक रहता है। वहीं जितना बड़ा खेत, उतनी ज़्यादा हॉर्सपावर चाहिए होगी। ये भी पता लगाएं कि ट्रैक्टर के बिना काम में कितना खर्चा हो रहा है व इसके आने के बाद कितने तक का खर्चा होगा।

. ट्रैक्टर की पावर और इंजन- ये जान लें कि इंजन की सिलेंडर क्षमता 2,3 या 4 है। जितने ज़्यादा सिलेंडर होंगे, उतनी ज़्यादा पावर होगी। इंजन टर्बो है या नॉनटर्बो। टर्बो इंजन की पावर को बढ़ा देता है और आरपीएम गिरने नहीं देता। नुकसान ये है कि समय पर अगर सर्विस नहीं कराई तो इंजन की उम्र कम हो सकती है।

. पंप के बारे में जान लें- रोटरी पंप वाला इंजन डीज़ल कम खाता है क्योंकि एक ही पाइपलाइन से सभी सिलेंडर में डीज़ल जाता है। इससे पावर बढ़ जाती है व इंजन की टाइमिंग अच्छी हो जाती है। इस पंप का नुकसान ये है कि डीज़ल में पानी की मिलावट बिलकुल नहीं होनी चाहिए वरना ट्रैक्टर पावर डिलीवरी अच्छी नहीं देगा। वहीं इन लाइन पंप में हर एक सिलेंडर के लिए अलग वाल्व होते हैं जिससे डीजल कम कंप्रेस्ड हो पाता है और टाइमिंग जल्दी खराब हो जाती है। लेकिन इस पंप से फ़ायदा ये है कि इसकी सर्विस हम आसानी से कर सकते हैं।

. हाइड्रोलिक लिफ़्ट- किसान को सबसे ज़्यादा इसी की ज़रूरत पड़ती है। कल्टीवेटर, रोटावेटर, थ्रेशर व सीडड्रिल का काम इसके बिना नहीं हो सकता है। ये जितनी ज़्यादा एडवांस होगी उतना फ़ायदा होगा। आपको यह देखना होगा की हाइड्रोलिक ADDC टाइप हाइड्रोलिक लिफ़्ट है या नहीं। इसका मतलब उसके अंदर दो सेंसिंग के लीवर दिए गए हैं या फिर नहीं। दूसरी बात ये है कि उसकी सेंसिंग सिंगल पॉइंट सेंसिंग है या थ्री पॉइंट। पंप की फ्लो स्पीड कितनी है? ध्यान रखें कि पावर स्टीयरिंग और लिफ्ट का पंप एक ही तो नहीं दिया!

. एडवांस फ़ीचर्स- कुछ ट्रैक्टर्स में लिफ्टोमेटिक का फीचर होता है जिससे इम्प्लीमेंट की गहराई एक बार सेट करके बटन के ज़रिए गहराई को समायोजित कर सकते हैं। कुछ ट्रैक्टर्स में शटल गियर का फ़ीचर आता है। ये सभी चीज़ें खेती को आसान बनाती हैं। एआई के ज़माने में अच्छे फ़ीचर वाला ट्रैक्टर ही लें।

ट्रक से खेती करते हुए

. डीजल की खपत- इस बारे में सोचना बहुत जरूरी है क्योंकि किसानों की आय कम होती जा रही है। डीजल के दाम तो मानो आसमान छूने लगे हैं। हमें इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि ट्रैक्टर डीजल ज्यादा न खाता हो।

. ट्रैक्टर की मार्केट वैल्यू- इसमें कई चीज़ें शामिल हैं। जैसे सर्विस, बेचने के वक्त ट्रक का दाम। क्या ट्रैक्टर के पार्ट बाज़ार में आसानी से मिल जाते हैं? कई बार कंपनियां अच्छी सर्विस नहीं देती हैं। इन सभी चीज़ों को ध्यान में रखिए।

. हमेशा एक भरोसेमंद और अच्छे डीलर से ट्रैक्टर खरीदें- इससे आपको अच्छी ग्राहक सुविधा मिलती है। इसके लिए आप उन लोगों से संपर्क कर सकते हैं जिन्होंने पहले कभी ट्रैक्टर खरीदा हुआ है।

ट्रैक्टर खरीदते वक्त इन सब चीज़ों को ध्यान में रखिए। ट्रैक्टरों की और अधिक गहरी जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट 91TRACTORS पर क्लिक करें। आप हमसे भी ट्रैक्टर खरीद सकते हैं। आशा करते हैं कि इस लेख से आपने कुछ सीखा होगा और आप एक बेहतर ग्राहक बने होंगे।

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